क्या होती है Virtual ID जो बिना आधार के भी कर देती है सारा काम?

 वर्चुअल आईडी (Virtual ID) क्या होती है और यह कैसे काम करती है?

आज के डिजिटल युग में पहचान और गोपनीयता एक महत्वपूर्ण विषय बन गए हैं। भारत में आधार कार्ड नागरिकों की पहचान के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज है, लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर कई चिंताएँ रही हैं। इन्हीं चिंताओं को दूर करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने वर्चुअल आईडी (Virtual ID - VID) की सुविधा शुरू की है। वर्चुअल आईडी एक अस्थायी और सुरक्षित 16 अंकों की संख्या होती है, जिसे आधार नंबर की जगह उपयोग किया जा सकता है। इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी अधिक सुरक्षित रहती है।

वर्चुअल आईडी क्या है? - HindiTape


वर्चुअल आईडी (VID) क्या है?

वर्चुअल आईडी एक अस्थायी और पुनः उत्पन्न (Re-Generate) की जा सकने वाली 16 अंकों की संख्या होती है, जो आधार नंबर से जुड़ी होती है। यह एक छद्म संख्या (Masked Number) के रूप में कार्य करती है, जिसे आप विभिन्न सेवाओं में आधार नंबर के स्थान पर उपयोग कर सकते हैं।

UIDAI ने वर्चुअल आईडी को इसलिए शुरू किया ताकि आधार नंबर के दुरुपयोग और डेटा चोरी को रोका जा सके। कोई भी सेवा प्रदाता केवल VID के आधार पर ही सत्यापन कर सकता है, लेकिन उसे आधार नंबर की पूरी जानकारी नहीं मिलेगी।


वर्चुअल आईडी कैसे प्राप्त करें?

वर्चुअल आईडी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जा सकती है:

  1. UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट (https://uidai.gov.in/) पर जाएँ।

  2. Generate VID (वर्चुअल आईडी उत्पन्न करें) विकल्प चुनें।

  3. अपना आधार नंबर दर्ज करें और फिर "ओटीपी भेजें" विकल्प चुनें।

  4. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को सही स्थान पर दर्ज करें।

  5. Generate VID" बटन दबाएं, और आपकी वर्चुअल आईडी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी।


वर्चुअल आईडी के फायदे

1. गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है

  • वर्चुअल आईडी आपके आधार नंबर की सुरक्षा को बढ़ाती है।
  • इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पता, आदि सुरक्षित रहते हैं।

2. अस्थायी और पुनः उत्पन्न करने योग्य

  • VID को जितनी बार चाहें, उतनी बार जनरेट किया जा सकता है।
  • यदि आपको संदेह है कि आपकी VID किसी के पास चली गई है, तो आप नई VID जनरेट कर सकते हैं।

3. डेटा चोरी का खतरा कम होता है

  • चूँकि VID आधार नंबर की जगह इस्तेमाल होती है, इसलिए आधार नंबर के दुरुपयोग की संभावना घट जाती है।

4. सरल और तेज़ उपयोग

  • VID का उपयोग किसी भी आधार सत्यापन प्रक्रिया में किया जा सकता है, जिससे यह एक आसान विकल्प बन जाता है।


वर्चुअल आईडी का उपयोग कहाँ किया जा सकता है?

वर्चुअल आईडी का उपयोग विभिन्न सरकारी और निजी सेवाओं में किया जा सकता है, जैसे:

  1. बैंकिंग सेवाएँ: खाता खोलने, केवाईसी प्रक्रिया में VID का उपयोग किया जा सकता है।

  2. मोबाइल सिम प्राप्त करना: आधार लिंक करने की जगह VID का उपयोग करें।

  3. पैन कार्ड के लिए आवेदन: अब पैन कार्ड बनवाने में भी VID से आधार लिंक किया जा सकता है।

  4. सरकारी योजनाएँ: प्रधानमंत्री योजनाओं, सब्सिडी लाभ, और अन्य सरकारी योजनाओं में VID का उपयोग किया जा सकता है।


कैसे काम करती है वर्चुअल आईडी?

जब आप किसी सेवा के लिए आधार आधारित सत्यापन करवाते हैं, तो सेवा प्रदाता UIDAI को आपकी VID भेजता है। UIDAI इसे आपके आधार नंबर से मैप करता है और सत्यापन प्रक्रिया पूरी करता है। इस प्रक्रिया में:

  • UIDAI सेवा प्रदाता को आधार नंबर नहीं भेजता, केवल "Yes" या "No" में सत्यापन का उत्तर देता है।
  • सेवा प्रदाता को केवल सीमित जानकारी प्राप्त होती है, जिससे आपकी पहचान की गोपनीयता बनी रहती है।


वर्चुअल आईडी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

1. क्या वर्चुअल आईडी जनरेट करने के लिए इंटरनेट आवश्यक है?

हाँ, VID जनरेट करने के लिए आपको UIDAI की वेबसाइट पर जाना होगा, जो इंटरनेट पर उपलब्ध है।

2. क्या वर्चुअल आईडी के लिए OTP अनिवार्य है?

हाँ, VID जनरेट करने के लिए आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है। बिना OTP सत्यापन के VID प्राप्त नहीं किया जा सकता।

3. वर्चुअल आईडी कितनी बार जनरेट की जा सकती है?

आप जब चाहें, अपनी VID को फिर से जनरेट कर सकते हैं। एक नई VID जनरेट करने पर पुरानी VID अमान्य हो जाती है।

4. क्या वर्चुअल आईडी पूरी तरह से आधार नंबर की जगह ले सकती है? 

VID अधिकांश सेवाओं में आधार नंबर की जगह इस्तेमाल की जा सकती है, लेकिन कुछ विशेष सरकारी सेवाओं में आधार नंबर की आवश्यकता हो सकती है।


वर्चुअल आईडी एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जिससे नागरिक अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए आधार का उपयोग कर सकते हैं। UIDAI द्वारा शुरू की गई यह सुविधा आधार से जुड़ी गोपनीयता चिंताओं को दूर करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

यदि आप अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखना चाहते हैं और आधार नंबर साझा करने से बचना चाहते हैं, तो वर्चुअल आईडी का उपयोग एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। UIDAI की यह पहल नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


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